Titration in Hindi med.

VIGYAN
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                आयतनात्मक विश्लेषण
                अनुमापन: ज्ञात सान्द्रता वाले विलयन की सहायता से अज्ञात सान्द्रता वाले विलयन की सान्द्रता ज्ञात करने की विधि को अनुमापन कहते है।
                . एकल अनुमापन : अज्ञात विलयन ज्ञात विलयन के मध्य सीधी रासायनिक अभिक्रिया करवाकर अज्ञात विलयन की सान्द्रता ज्ञात की जाती है। जैसे-
                . द्विअनुमापन : जब अज्ञात विलयन ज्ञात विलयन के मध्य सीधी रासायनिक अभिक्रिया सम्भव नहीं हो तो माध्यमिक विलयन की सहायता ली जाती है। इस प्रकार के अनुमापन में पहले ज्ञात विलयन की सहायता से माध्यमिक विलयन की सान्द्रता ज्ञात की जाती है। फिर माध्यमिक विलयन की सहायता से अज्ञात विलयन की सान्द्रता ज्ञात की जाती है।
                अभिक्रियाओं के आधार पर अनुमापन के प्रकार
                . अम्ल-क्षारक अनुमापन : इसमें एक  विलयन की प्रकृति अम्लीय तथा दूसरे विलयन की प्रकृति क्षारकीय होती है। इनके मध्य उदासीनीकरण अभिक्रया होती है।
                . ऑक्सीकरण-अपचयन अनुमापन : इसमें क्रियाकारक अवयव एक दूसरे का ऑक्सीकरण अपचयन करते हैं अर्थात अनुमापन में रेडॉक्स अभिक्रिया होती है।
                . संकुलमितीय अनुमापन : इसमें क्रियाकारक अवयव क्रिया करके उत्पाद में संकुल यौगिक का निर्माण करते हैं जैसे  द्वारा पानी की कठोरता का मापन करना।
                . अवक्षेपण अनुमापन : इसमें क्रियाकारक क्रिया करके उत्पाद बनाते हैं। एक उत्पाद अवक्षेप के रूप में प्राप्त होता है।
                अनुमापन में प्रयुक्त कुछ परिभाषाएँ :
                अनुमाप्य : इसे अज्ञात विलयन कहते हैं। इस विलयन में उपस्थित पदार्थ की मात्रा सान्द्रता ज्ञात कीजिए। इसे पीपेट द्वारा कॉनिकल फ्लास्क में लिया जाता है।
                अनुमापक : इसे मानक या ज्ञात विलयन कहते हैं। इस विलयन की सान्द्रता ज्ञात होती हैं। इसे ब्यूरेट में लिया जाता हैं।
                माध्यमिक विलयन : वह विलयन जो ज्ञात और अज्ञात दोनों विलयनों से अभिक्रिया कर सकता है। ज्ञात विलयन की सहायता से माध्यमिक विलयन की सान्द्रता ज्ञात की जाती है और माध्यमिक विलयन की सहायता से अज्ञात विलयन की सान्द्रता ज्ञात की जाती है।
                सूचक : वह रासायनिक पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया पूर्ण होने की सूचना अपने रंग परिवर्तन के द्वारा देते हैं। सूचक कहलाते हैं।
                अन्तिम बिन्दु: ब्यूरेट का वह पाठ्यांक जिस पर सूचक के रंग परिवर्तन द्वारा अभिक्रिया के पूर्ण होने की जानकारी मिलती है। अन्तिम बिन्दु कहते हैं।
                तुल्य बिन्दु : वह बिन्दु जिस पर अनुमापक और अनुमाप्य की अभिक्रिया पूण हो जाती है। यह अन्तिम बिन्दु से एक बूँद पहले की स्थिति होतीे है इस पर सूचक का रंग नहीं दिखाई देता है।
                अज्ञात विलयन की सान्द्रता ज्ञात करने हेतु गणना:
                . नार्मलता के आधार पर
                (द्ब) . मानक विलयन ज्ञात विलयन माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन :
                हृ१ = ज्ञात विलयन की नार्मलता                     हृ२ = माध्यमिक विलयन की नार्मलता
                ङ्क१ = ज्ञात विलयन का आयतन                   ङ्क२ = माध्यमिक विलयन का आयतन
                हृ१ ङ्क१ =हृ२ङ्क२
                हृ२  =     
                (द्बद्ब) . अज्ञात विलयन माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन :
                हृ३ = अज्ञात विलयन की नार्मलता                 हृ४ = माध्यमिक विलयन की नार्मलता
                                                                                                हृ२  =हृ४=
                ङ्क३ = अज्ञात विलयन का आयतन                               ङ्क४ = माध्यमिक विलयन का आयतन
                हृ३ ङ्क३ =हृ४ङ्क४
                हृ३  =
                (द्बद्बद्ब) . अज्ञात विलयन की सान्द्रता :
                अज्ञात विलयन की सान्द्रता             = नार्मलता तुल्यांकी भार
                                                                = तुल्यांकी भार
                (द्ब1) . अज्ञात विलयन के नमूने की प्रतिशत शुद्धता  :
                यदि अज्ञात विलयन में विलय अशुद्ध पदार्थ का भार दिया हुआ हो तो प्रतिशत शुद्धता की गणना इस प्रकार की जाती है।
                प्रतिशत शुद्धता =
                ()  मोलरता के आधार पर गणना  :
                इस अधार पर गणना के लिए रासयनिक समीकरण का सन्तुलित होना चाहिए। मान लिजिए कि अभिक्रिया का सन्तुलित समीकरण इस प्रकार है
                + उत्पाद
                ्र एवं क्च क्रियाकारक पदार्थ है तथा 3 एवं 4 क्रमश: ्र एवं क्च की मोल संख्या है। इस प्रकार के अनुमापन के लिए निम्न सूत्र का उपयोग करते हैं।
                रू्र ङ्क्र =रूक्चङ्कक्च
                रू्र  = पदार्थ ्र के विलयन की मोलरता                        ङ्क्र  = पदार्थ ्र के विलयन का आयतन
                रूक्च  = पदार्थ क्च के विलयन की मोलरता                  ङ्कक्च  = पदार्थ क्च के विलयन की आयतन
                रूक्च  =
                मोलरता ज्ञात करके सान्द्रता ग्राम/लीटर में निम्न सूत्र से ज्ञात करते हैं। सान्द्रता की गणना दशमलव के बाद चार स्थानों तक ज्ञात करनी चाहिए।
                सान्द्रता ग्राम/प्रति  लीटर = मोलरता अणुभार
प्रयोग .
                उद्देश्य :
                बोतल क्च में दिए गए अज्ञात सोडियम कार्बोनेट की मोलरता ज्ञात कीजिए। इसके लिए आपको बोतल ्र में मोलरता का मानक सोडियम कार्बोनेट का विलयन दिया गया है। माध्यमिक विलयन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा सूचक मेथिल ऑरेंज है।
                उपकरण तथा आवश्यक सामग्री :
                ब्यूरेट, ब्यूरेट स्टेण्ड, पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क, कीप, ज्ञात अज्ञात हृड्ड२ष्टह्र३विलयन, माध्यमिक ॥ष्टद्यविलयन, सूचक मेथिल ऑरेंज, आसुत जल आदि।
                सिद्धान्त :
                ज्ञात अज्ञात सोडियम कार्बोनेट विलयन का माध्यमिक हाइड्रोक्लोरिक अम्ल विलयन के साथ अनुमापन
                सन्तुलित रासयनिक समीकरण
                हृड्ड२ष्टह्र३ + २॥ष्टद्य २हृड्डष्टद्य + ॥२ह्र + ष्टह्र२
                यह अनुमापन अम्ल-क्षारक अनुमपान है। यह द्विअनुमापन है। इस अनुमापन मे सूचक मेथिल ऑरेंज हैं जो क्षारक में गुलाबी रंग देता है।
                विधि : ज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन
                सर्व प्रथम अनुमापन में काम आने वाले ब्यूरेट , पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क को पानी से धोकर ब्यूरेट को माध्यमिक विलयन से तथा पीपेट को ज्ञात विलयन से खंगाल लेते है। अब ब्यूरेट को ब्यूरेट स्टेण्ड पर लगाकर शून्य तक माध्यमिक विलयन भर लेते हैं। ब्यूरेट के नोजल में हवा का बुलबुला नहीं होना चाहिए। अब पीपेट की सहायता से ज्ञात विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं और इसमें दो-तीन बूँद सूचक मिलाकर ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं।
                अज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन
                ब्यूरेट में माध्यमिक विलयन ही लिया गया है। इसे शून्य पाठ्यांक तक भर लेते हैं। अब पीपेट की सहायता से अज्ञात विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं और इसमें दो-तीन बूँद सूचक मिलाकर ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं।
                प्रेक्षण सारणी
                () ज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन 

() अज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन 
                गणना:
                () मानक विलयन (ज्ञात विलयन) सोडियम कोर्बोनेट की मोलरता रू१ =
                () माध्यमिक विलयन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की मोलरता ज्ञात करना
                + उत्पाद
                रू्र ङ्क्र =रूक्चङ्कक्च
                २रू१ ङ्क१ = रू२ङ्क२
                रू१  = ज्ञात विलयन की मोलरता     =                             ङ्क१  = ज्ञात विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                रू२  = माध्यमिक विलयन की मोलरता = ?                   ङ्क२  = माध्यमिक विलयन का आयतन =१९. द्वद्य
                रू२  == २रू
                () अज्ञात विलयन सोडियम कार्बोनेट की मोलरता ज्ञात करना
                २रू३ ङ्क३ = रू४ङ्क४
                रू३  = अज्ञात विलयन की मोलरता =?                           ङ्क३  = अज्ञात विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                रू४  = माध्यमिक विलयन की मोलरता = २रू
                ङ्क४  = माध्यमिक विलयन का आयतन =१९. द्वद्य
                रू३  ==रू = .०४९४ रू
                परिणाम : बोतल (क्च) में दिये गये अज्ञात सोडियम कार्बोनेट की मोलरता .०४९४ रू मोल प्रति लीटर प्राप्त हुई है।
प्रयोग .
                उद्देश्य :
                बोतल क्च में दिए गए अज्ञात ऑक्सेलिक अमल विलयन की सान्द्रता ग्राम प्रति लीटर में ज्ञात कीजिए। इसके लिए आपको बोतल ्र में १२.६८ ग्राम प्रति लीटर सान्द्रता का मानक क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल का विलयन दिया गया है। माध्यमिक विलयन सोडियम हाइड्रोक्साइड तथा सूचक फिनॉलफ्थेलीन है।
                उपकरण तथा आवश्यक सामग्री :
                ब्यूरेट, ब्यूरेट स्टेण्ड, पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क, कीप, ज्ञात अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन, माध्यमिक विलयन सोडियम हाइड्रोक्साइड विलयन, सूचक फिनॉलफ्थेलीन, आसुत जल आदि।
                सिद्धान्त :
                ज्ञात अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का माध्यमिक सोडियम हाइड्रोक्साइड विलयन के साथ अनुमापन
                सन्तुलित रासयनिक समीकरण
                ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                यह अनुमापन अम्ल-क्षारक अनुमपान है। यह द्विअनुमापन है। इस अनुमापन मे सूचक फिनॉलफ्थलीन हैं जो क्षारकीय विलयन में गुलाबी रंग देता है।
                विधि : ज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन
                सर्व प्रथम अनुमापन में काम आने वाले ब्यूरेट , पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क को पानी से धोकर ब्यूरेट को माध्यमिक विलयन से तथा पीपेट को ज्ञात विलयन से खंगाल लेते है। अब ब्यूरेट को ब्यूरेट स्टेण्ड पर लगाकर शून्य तक माध्यमिक विलयन भर लेते हैं। ब्यूरेट के नोजल में हवा का बुलबुला नहीं होना चाहिए। अब पीपेट की सहायता से ज्ञात विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं और इसमें दो-तीन बूँद सूचक मिलाकर ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं।
                अज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन
                ब्यूरेट में माध्यमिक विलयन ही लिया गया है। इसे शून्य पाठ्यांक तक भर लेते हैं। अब पीपेट की सहायता से अज्ञात विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं और इसमें दो-तीन बूँद सूचक मिलाकर ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं।
                प्रेक्षण सारणी
                () ज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन 

() अज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन 
                गणना:
                () मानक विलयन (ज्ञात विलयन) ऑक्सेलिक अम्ल की मोलरता
                मोलरता रू१ =१००=
                रू१ = रू
                () माध्यमिक विलयन सोडियम हाइड्रोक्साइड की मोलरता ज्ञात करना
                २रू१ ङ्क१ = रू२ङ्क२
                रू१  = ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन की मोलरता =रू                           
                ङ्क१  = ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                रू२  = माध्यमिक सोडियम हाइड्रोक्साइड विलयन की मोलरता = ?       
                ङ्क२  = माध्यमिक सोडियम हाइड्रोक्साइड विलयन का आयतन =१८. द्वद्य
                रू२  == २रू
                () अज्ञात विलयन ऑक्सेलिक अम्ल की मोलरता ज्ञात करना
                २रू३ ङ्क३ = रू४ङ्क४
                रू३  = अज्ञात विलयन की मोलरता =?                           ङ्क३  = अज्ञात विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                रू४  = माध्यमिक विलयन की मोलरता = २रू
                ङ्क४  = माध्यमिक विलयन का आयतन =१७. द्वद्य
                रू३  ==२रू = रू
                () अज्ञात विलयन ऑक्सेलिक अम्ल की सान्द्रता ग्राम प्रति लीटर में ज्ञात करना
                सान्द्रता = मोलरता क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल का मोलर द्रव्यमान
                 सान्द्रता =म१२६ = १२.२५३८ ग्राम प्रति लीटर

                परिणाम : बोतल (क्च) में दिये गये अज्ञात विलयन क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल की सान्द्रता १२.२५३८ ग्राम प्रति लीटर प्राप्त हुई है।
प्रयोग .
                उद्देश्य :
                बोतल क्च में दिए गए अज्ञात सोडियम कोर्बोनेट विलयन की नार्मलता ज्ञात कीजिए। इसके लिए आपको बोतल ्र में मानक .८६ ग्राम प्रति लीटर सान्द्रता का क्रिस्टलीय सोडियम कार्बोनटक का विलयन दिया गया है। माध्यमिक विलयन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा सूचक मेथिल ऑरेंज है।
                उपकरण तथा आवश्यक सामग्री :
                ब्यूरेट, ब्यूरेट स्टेण्ड, पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क, कीप, ज्ञात अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन, माध्यमिक विलयन सोडियम हाइड्रोक्साइड विलयन, सूचक फिनॉलफ्थेलीन, आसुत जल आदि।
                सिद्धान्त :
                ज्ञात अज्ञात सोडियम कार्बोनेट विलयन का माध्यमिक हाइड्रोक्लोरिक अम्ल विलयन के साथ अनुमापन
                सन्तुलित रासयनिक समीकरण
                हृड्ड२ष्टह्र३ + २॥ष्टद्य २हृड्डष्टद्य + ॥२ह्र + ष्टह्र२
                यह अनुमापन अम्ल-क्षारक अनुमपान है। यह द्विअनुमापन है। इस अनुमापन मे सूचक मेथिल ऑरेंज हैं जो क्षारक में गुलाबी रंग देता है।
                विधि : ज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन
                सर्व प्रथम अनुमापन में काम आने वाले ब्यूरेट , पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क को पानी से धोकर ब्यूरेट को माध्यमिक विलयन से तथा पीपेट को ज्ञात विलयन से खंगाल लेते है। अब ब्यूरेट को ब्यूरेट स्टेण्ड पर लगाकर शून्य तक माध्यमिक विलयन भर लेते हैं। ब्यूरेट के नोजल में हवा का बुलबुला नहीं होना चाहिए। अब पीपेट की सहायता से ज्ञात विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं और इसमें दो-तीन बूँद सूचक मिलाकर ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं।
                अज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन
                ब्यूरेट में माध्यमिक विलयन ही लिया गया है। इसे शून्य पाठ्यांक तक भर लेते हैं। अब पीपेट की सहायता से अज्ञात विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं और इसमें दो-तीन बूँद सूचक मिलाकर ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं।
प्रेक्षण सारणी
                () ज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन  


() अज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन 
                गणना:
                () मानक विलयन (ज्ञात विलयन) सोडियम कार्बोनेट की नार्मलता
                नार्मलता हृ१ ===हृ
               
                () माध्यमिक विलयन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की नार्मलता ज्ञात करना
                हृ१ ङ्क१ = हृ२ङ्क२
                हृ१  = ज्ञात सोडियम कार्बोनेट विलयन की नार्मलता =हृ
                ङ्क१  = ज्ञात सोडियम कार्बोनेट विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                हृ२  = माध्यमिक हाइड्रोक्लोरिक अम्ल विलयन की नार्मलता = ?          
                ङ्क२  = माध्यमिक हाइड्रोक्लोरिक अम्ल विलयन का आयतन =१९. द्वद्य
                हृ२  == हृ
                () अज्ञात सोडियम कार्बोनट विलयन की नार्मलता ज्ञात करना
                हृ३ ङ्क३ = हृ४ङ्क४
                हृ३  = अज्ञात सोडियम कार्बोनेट विलयन की नार्मलता =?                       
                ङ्क३  = अज्ञात सोडियम कार्बोनेट विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                हृ४  = माध्यमिक हाइड्रोक्लोरिक अम्ल विलयन की नार्मलता = हृ२  = हृ
                ङ्क४  = माध्यमिक हाइड्रोक्लोरिक अम्ल विलयन का आयतन =१९. द्वद्य
                हृ३  ==हृ ==.०१९७९हृ
                परिणाम : बोतल (क्च) में दिये गये अज्ञात विलयन क्रिस्टलीय सोडियम कार्बोनेट विलयन की नार्मलता .०१९७ हृ प्राप्त हुई है।
प्रयोग .
                उद्देश्य :
                बोतल क्च में दिए गए अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन की सान्द्रता ग्राम प्रति लीटर में ज्ञात कीजिए। इसके लिए आपको बोतल ्र में .२०२६ ग्राम प्रति लीटर सान्द्रता का मानक क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल का विलयन दिया गया है। माध्यमिक विलयन पोटैशियम परमैंगनेट है।
                उपकरण तथा आवश्यक सामग्री :
                ब्यूरेट, ब्यूरेट स्टेण्ड, पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क, कीप, ज्ञात अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन, माध्यमिक विलयन पोटैशियम परमैंगनेट विलयन, तनु सल्फ्यूरिक अम्ल, आसुत जल आदि।
                सिद्धान्त :
                पोटैशियम परमैंगनेट एक प्रबल ऑक्सीकारक है। यद्यपी पोटैशियम परमैंगनेट क्षारकीय माध्यम में भी ऑक्सीकारक है फिर भी मात्रात्मक विश्लेषण के लिए अधिकतर अम्लीय माध्यम प्रयुक्त किया जाता है। अनुमापन में तनु सल्फ्यूरिक अम्ल का प्रयोग किया जाता है। नाइट्रिक अम्ल ऑक्सीकारक होने के कारण प्रयुक्त नहीं होता है। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल पोटैशियम परमैंगनेट के साथ क्रिया करके क्लोरीन बनाता है जो कि ऑक्सीकारक है इसलिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का प्रयोग नहीं किया जाता है।
                ऑक्सेलिक अम्ल अपचायक के रूप में कार्य करता है।
                ऑक्सेलिक अम्ल की अभिक्रियाएँ
                सन्तुलित रासयनिक समीकरण
                अपचयन की अद्र्ध अभिक्रिया        ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                ऑक्सीकरण की अद्र्ध अभिक्रिया  ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                सम्पूण सन्तुलित रासयनिक समीकरण
                ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                आयनिक समीकरण
                अपचयन की अद्र्ध अभिक्रिया        ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                ऑक्सीकरण की अद्र्ध अभिक्रिया  ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                सम्पूण सन्तुलित अभिक्रिया
                ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                यह ऑक्सीकरण अपचयन अनुमपान है। ऑक्सेलिक अम्ल और पोटैशियम परमैंगनेट के अनुमापन में ऑक्सेलिक अम्ल में तनु सल्फ्यूरिक अम्ल मिलाकर ५००ब्  तक गर्म करना पड़ता है क्योंकि अभिक्रिया अधिक ताप पर होती है। प्रारम्भ में अभिक्रिया का वेग कम होता है जैसे-जैसे अभिक्रिया अग्रसरित होती है, अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है। इस अनुमापन मे पोटैशियम परमैंगनेट स्वयं सूचक का कार्य करता है। प्रारम्भ में ऑक्सेलिक अम्ल के द्वारा अपचयन होने के कारण पोटैशियम परमैंगनेट का रंग विलुप्त हो जाता है। अन्तिम बिन्दु पर ऑक्सेलेट आयन पूर्णत: समाप्त हो जाते हैंं तो पोटैशियम परमैंगनेट की एक बूँद भी डालने पर विलयन का रंग हल्का गुलाबी हो जाता है
                विधि : ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का माध्यमिक पोटैशिय परमैंगनेट विलयन के मध्य अनुमापन
                सर्व प्रथम अनुमापन में काम आने वाले ब्यूरेट , पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क को पानी से धोकर ब्यूरेट को माध्यमिक विलयन से तथा पीपेट को ज्ञात विलयन से खंगाल लेते है। अब ब्यूरेट को ब्यूरेट स्टेण्ड पर लगाकर शून्य तक माध्यमिक विलयन भर लेते हैं। ब्यूरेट के नोजल में हवा का बुलबुला नहीं होना चाहिए। अब पीपेट की सहायता से ऑक्सेलिक अम्ल  विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं और इसमें लगभग आधी परखनली तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से भरकर मिला कर लगभग ५००ब् ताप तक गर्म करते हैं। अब ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। लगातार हिलाते रहते हैं अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं। दो समान आयतन प्राप्त होने तक प्रक्रिया को दोहराया जाता है।
                अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का माध्यमिक पोटैशिय परमैंगनेट विलयन के मध्य अनुमापन
                ब्यूरेट में माध्यमिक विलयन ही लिया गया है। इसे शून्य पाठ्यांक तक भर लेते हैं। अब पीपेट की सहायता से ऑक्सेलिक अम्ल  विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं और इसमें लगभग आधी परखनली तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से भरकर मिला कर लगभग ५००ब् ताप तक गर्म करते हैं। अब ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। लगातार हिलाते रहते हैं अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं। दो समान आयतन प्राप्त होने तक प्रक्रिया को दोहराया जाता है।
                प्रेक्षण सारणी
                () ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का माध्यमिक पोटेैशियम परमैंगनेट विलयन के मध्य अनुमापन 
() अज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन 
                गणना:
                () मानक विलयन (ज्ञात विलयन) ऑक्सेलिक अम्ल की मोलरता
                मोलरता रू१ ==रू
                रू१ = रू
                () माध्यमिक विलयन पोटैशियम परमैंगनेट की मोलरता ज्ञात करना
                २रू१ ङ्क१ = ५रू२ङ्क२
                रू१  = ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन की मोलरता =रू                           
                ङ्क१  = ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                रू२  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन की मोलरता = ?         
                ङ्क२  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन का आयतन =१८. द्वद्य
                रू२  == रू
                () अज्ञात विलयन ऑक्सेलिक अम्ल की मोलरता ज्ञात करना
                २रू३ ङ्क३ = ५रू४ङ्क४
                रू३  = अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन की मोलरता =?                        
                ङ्क३  = अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                रू४  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन की मोलरता =              रू२= रू
                ङ्क४  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन का आयतन =१७. द्वद्य
                रू३  ==रू = रू
                () अज्ञात विलयन ऑक्सेलिक अम्ल की सान्द्रता ग्राम प्रति लीटर में ज्ञात करना
                सान्द्रता = मोलरता क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल का मोलर द्रव्यमान
                 सान्द्रता =म१२६ = .०८७१ ग्राम प्रति लीटर

                परिणाम : बोतल (क्च) में दिये गये अज्ञात विलयन क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल की सान्द्रता .०८७१ ग्राम प्रति लीटर प्राप्त हुई है।
प्रयोग .
                उद्देश्य :
                बोतल क्च में दिए गए अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन की सान्द्रता ग्राम प्रति लीटर में ज्ञात कीजिए। इसके लिए आपको बोतल ्र में .२०२६ ग्राम प्रति लीटर सान्द्रता का मानक क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल का विलयन दिया गया है। माध्यमिक विलयन पोटैशियम परमैंगनेट है।
                उपकरण तथा आवश्यक सामग्री :
                ब्यूरेट, ब्यूरेट स्टेण्ड, पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क, कीप, ज्ञात अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन, माध्यमिक विलयन पोटैशियम परमैंगनेट विलयन, तनु सल्फ्यूरिक अम्ल, आसुत जल आदि।
                सिद्धान्त :
                पोटैशियम परमैंगनेट एक प्रबल ऑक्सीकारक है। यद्यपी पोटैशियम परमैंगनेट क्षारकीय माध्यम में भी ऑक्सीकारक है फिर भी मात्रात्मक विश्लेषण के लिए अधिकतर अम्लीय माध्यम प्रयुक्त किया जाता है। अनुमापन में तनु सल्फ्यूरिक अम्ल का प्रयोग किया जाता है। नाइट्रिक अम्ल ऑक्सीकारक होने के कारण प्रयुक्त नहीं होता है। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल पोटैशियम परमैंगनेट के साथ क्रिया करके क्लोरीन बनाता है जो कि ऑक्सीकारक है इसलिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का प्रयोग नहीं किया जाता है।
                ऑक्सेलिक अम्ल अपचायक के रूप में कार्य करता है।
                ऑक्सेलिक अम्ल की अभिक्रियाएँ
                सन्तुलित रासयनिक समीकरण
                अपचयन की अद्र्ध अभिक्रिया        ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                ऑक्सीकरण की अद्र्ध अभिक्रिया  ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                सम्पूण सन्तुलित रासयनिक समीकरण
                ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                आयनिक समीकरण
                अपचयन की अद्र्ध अभिक्रिया        ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                ऑक्सीकरण की अद्र्ध अभिक्रिया  ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                सम्पूण सन्तुलित अभिक्रिया
                ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                यह ऑक्सीकरण अपचयन अनुमपान है। ऑक्सेलिक अम्ल और पोटैशियम परमैंगनेट के अनुमापन में ऑक्सेलिक अम्ल में तनु सल्फ्यूरिक अम्ल मिलाकर ५००ब्  तक गर्म करना पड़ता है क्योंकि अभिक्रिया अधिक ताप पर होती है। प्रारम्भ में अभिक्रिया का वेग कम होता है जैसे-जैसे अभिक्रिया अग्रसरित होती है, अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है। इस अनुमापन मे पोटैशियम परमैंगनेट स्वयं सूचक का कार्य करता है। प्रारम्भ में ऑक्सेलिक अम्ल के द्वारा अपचयन होने के कारण पोटैशियम परमैंगनेट का रंग विलुप्त हो जाता है। अन्तिम बिन्दु पर ऑक्सेलेट आयन पूर्णत: समाप्त हो जाते हैंं तो पोटैशियम परमैंगनेट की एक बूँद भी डालने पर विलयन का रंग हल्का गुलाबी हो जाता है
                विधि : ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का माध्यमिक पोटैशिय परमैंगनेट विलयन के मध्य अनुमापन
                सर्व प्रथम अनुमापन में काम आने वाले ब्यूरेट , पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क को पानी से धोकर ब्यूरेट को माध्यमिक विलयन से तथा पीपेट को ज्ञात विलयन से खंगाल लेते है। अब ब्यूरेट को ब्यूरेट स्टेण्ड पर लगाकर शून्य तक माध्यमिक विलयन भर लेते हैं। ब्यूरेट के नोजल में हवा का बुलबुला नहीं होना चाहिए। अब पीपेट की सहायता से ऑक्सेलिक अम्ल  विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं और इसमें लगभग आधी परखनली तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से भरकर मिला कर लगभग ५००ब् ताप तक गर्म करते हैं। अब ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। लगातार हिलाते रहते हैं अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं। दो समान आयतन प्राप्त होने तक प्रक्रिया को दोहराया जाता है।
                अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का माध्यमिक पोटैशिय परमैंगनेट विलयन के मध्य अनुमापन
                ब्यूरेट में माध्यमिक विलयन ही लिया गया है। इसे शून्य पाठ्यांक तक भर लेते हैं। अब पीपेट की सहायता से ऑक्सेलिक अम्ल  विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं और इसमें लगभग आधी परखनली तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से भरकर मिला कर लगभग ५००ब् ताप तक गर्म करते हैं। अब ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। लगातार हिलाते रहते हैं अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं। दो समान आयतन प्राप्त होने तक प्रक्रिया को दोहराया जाता है।
                प्रेक्षण सारणी
                () ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का माध्यमिक पोटेैशियम परमैंगनेट विलयन के मध्य अनुमापन 
() अज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन 
                गणना:
                () मानक विलयन (ज्ञात विलयन) ऑक्सेलिक अम्ल की नार्मलता
                नार्मलता हृ१ ==हृ
               
                () माध्यमिक विलयन पोटैशियम परमैंगनेट की नार्मलता ज्ञात करना
                हृ१ ङ्क१ = हृ२ङ्क२
                हृ१  = ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन की नार्मलता =हृ
                ङ्क१  = ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                हृ२  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन की नार्मलता = ?         
                ङ्क२  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन का आयतन =१९. द्वद्य
                हृ२  == हृ
                () अज्ञात विलयन पोटैशियम परमैंगनेट की नार्मलता ज्ञात करना
                हृ३ ङ्क३ = हृ४ङ्क४
                हृ३  = अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन की नार्मलता =?                        
                ङ्क३  = अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                हृ४  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन की नार्मलता = हृ२  = हृ
                ङ्क४  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन का आयतन =१८. द्वद्य
                हृ३  ==हृ = = .०६४९हृ
                () अज्ञात विलयन ऑक्सेलिक अम्ल की सान्द्रता ग्राम प्रति लीटर में ज्ञात करना
                सान्द्रता = नार्मलता क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल का तुल्यांकी भार
                 सान्द्रता =म६३.०४ = .०९४४ ग्राम प्रति लीटर

                परिणाम : बोतल (क्च) में दिये गये अज्ञात विलयन क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल की सान्द्रता .०९४४ ग्राम प्रति लीटर प्राप्त हुई है।
प्रयोग .
                उद्देश्य :
                बोतल क्च में दिए गए अज्ञात फरस अमोनियम सल्फेट की प्रतिशत शुद्धता ज्ञात कीजिए। इसमें नमूने के १४. ग्राम को लीटर में घोलकर तैयार किया गया है। इसके लिए आपको बोतल ्र में १३.०७०६ ग्राम प्रति लीटर सान्द्रता का फेरस अमानेयिम सल्फेट का मानक विलयन दिया गया है। माध्यमिक विलयन पोटैशियम परमैंगनेट का दिया है।
                उपकरण तथा आवश्यक सामग्री :
                ब्यूरेट, ब्यूरेट स्टेण्ड, पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क, कीप, ज्ञात अज्ञात फेरस अमोनियम सल्फेट विलयन, माध्यमिक विलयन पोटैशियम परमैंगनेट विलयन, तनु सल्फ्यूरिक अम्ल, आसुत जल आदि।
                सिद्धान्त :
                पोटैशियम परमैंगनेट एक प्रबल ऑक्सीकारक है। फेरस अमोनियम सल्फेट का ऑक्सीकरण होता है।
                फेरस अमोनियम सल्फेट अपचायक के रूप में कार्य करता है।
                सन्तुलित रासयनिक समीकरण
                अपचयन की अद्र्ध अभिक्रिया        ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                ऑक्सीकरण की अद्र्ध अभिक्रिया  ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                सम्पूण सन्तुलित रासयनिक समीकरण
                ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                आयनिक समीकरण
                अपचयन की अद्र्ध अभिक्रिया        ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                ऑक्सीकरण की अद्र्ध अभिक्रिया  ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                सम्पूण सन्तुलित अभिक्रिया
                ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                यह ऑक्सीकरण अपचयन अनुमपान है। फेरस अमोनयिम सल्फेट और पोटैशियम परमैंगनेट के अनुमापन में पोटैशियम परमैंगनेट स्वयं सूचक का कार्य करता है। अन्तिम बिन्दु पर पोटैशियम परमैंगनेट की एक बूँद भी डालने पर विलयन का रंग हल्का गुलाबी हो जाता है
                विधि : ज्ञात फेरस अमोनियम सल्फेट विलयन का माध्यमिक पोटैशिय परमैंगनेट विलयन के मध्य अनुमापन
                सर्व प्रथम अनुमापन में काम आने वाले ब्यूरेट , पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क को पानी से धोकर ब्यूरेट को माध्यमिक विलयन से तथा पीपेट को ज्ञात विलयन से खंगाल लेते है। अब ब्यूरेट को ब्यूरेट स्टेण्ड पर लगाकर शून्य तक माध्यमिक विलयन भर लेते हैं। ब्यूरेट के नोजल में हवा का बुलबुला नहीं होना चाहिए। अब पीपेट की सहायता से फेरस अमोनियम सल्फेट विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं। अब ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। लगातार हिलाते रहते हैं अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं। दो समान आयतन प्राप्त होने तक प्रक्रिया को दोहराया जाता है।
                अज्ञात फेरस अमोनयिम सल्फेट विलयन का माध्यमिक पोटैशिय परमैंगनेट विलयन के मध्य अनुमापन
                ब्यूरेट में माध्यमिक विलयन ही लिया गया है। इसे शून्य पाठ्यांक तक भर लेते हैं। अब पीपेट की सहायता से फेरस अमोनियम सल्फेट विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं। अब ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। लगातार हिलाते रहते हैं अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं। दो समान आयतन प्राप्त होने तक प्रक्रिया को दोहराया जाता है।
                प्रेक्षण सारणी
                () ज्ञात फेरस अमोनियम सल्फेट विलयन का माध्यमिक पोटेैशियम परमैंगनेट विलयन के मध्य अनुमापन 
() अज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन 
                गणना:
                () मानक विलयन (ज्ञात विलयन) फेरस अमोनियम सल्फेट की मोलरता
                मोलरता रू१ ==रू
                रू१ = रू
                () माध्यमिक विलयन पोटैशियम परमैंगनेट की मोलरता ज्ञात करना
                रू१ ङ्क१ = ५रू२ङ्क२
                रू१  = ज्ञात फेरस अमोनियम सल्फेट विलयन की मोलरता =रू                              
                ङ्क१  = ज्ञात फेरस अमोनियम सल्फेट विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                रू२  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन की मोलरता = ?         
                ङ्क२  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन का आयतन =१९. द्वद्य
                रू२  ==रू
                () अज्ञात फेरस अमोनियम सल्फेट विलयन की मोलरता ज्ञात करना
                २रू३ ङ्क३ = ५रू४ङ्क४
                रू३  = अज्ञात फेरस अमोनियम सल्फेट विलयन की मोलरता =?                           
                ङ्क३  = अज्ञात फेरस अमोनियम सल्फेट विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                रू४  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन की मोलरता =              रू२= रू
                ङ्क४  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन का आयतन =१८. द्वद्य
                रू३  ==रू = रू
                () अज्ञात विलयन फेरस अमोनियम सल्फेट की सान्द्रता ग्राम प्रति लीटर में ज्ञात करना
                सान्द्रता = मोलरता क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल का मोलर द्रव्यमान
                 सान्द्रता =म३९२.१२= = १२.७३०२ ग्राम प्रति लीटर
                () अज्ञात विलयन फेरस अमोनियम सल्फेट की प्रतिशत शुद्धता ज्ञात करना
                प्रतिशत शुद्धता = म१००
                                =म१०० = ९०.९३त्न
                परिणाम : बोतल (क्च) में दिये गये अज्ञात विलयन फेरस अमोनियम सल्फेट की प्रतिशत शुद्धता ९०.९३ प्रतिशत प्राप्त हुई है।
प्रयोग .
                उद्देश्य :
                बोतल क्च में दिए गए अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन की सान्द्रता ग्राम प्रति लीटर में ज्ञात कीजिए। इसके लिए आपको बोतल ्र में .२०२६ ग्राम प्रति लीटर सान्द्रता का मानक क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल का विलयन दिया गया है। ्य२ष्टह्म्२ह्र७ माध्यमिक विलयन पोटैशियम परमैंगनेट है।
                उपकरण तथा आवश्यक सामग्री :
                ब्यूरेट, ब्यूरेट स्टेण्ड, पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क, कीप, ज्ञात अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन, माध्यमिक विलयन पोटैशियम परमैंगनेट विलयन, तनु सल्फ्यूरिक अम्ल, आसुत जल आदि।
                सिद्धान्त :
                पोटैशियम परमैंगनेट एक प्रबल ऑक्सीकारक है। यद्यपी पोटैशियम परमैंगनेट क्षारकीय माध्यम में भी ऑक्सीकारक है फिर भी मात्रात्मक विश्लेषण के लिए अधिकतर अम्लीय माध्यम प्रयुक्त किया जाता है। अनुमापन में तनु सल्फ्यूरिक अम्ल का प्रयोग किया जाता है। नाइट्रिक अम्ल ऑक्सीकारक होने के कारण प्रयुक्त नहीं होता है। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल पोटैशियम परमैंगनेट के साथ क्रिया करके क्लोरीन बनाता है जो कि ऑक्सीकारक है इसलिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का प्रयोग नहीं किया जाता है।
                ऑक्सेलिक अम्ल अपचायक के रूप में कार्य करता है।
                ऑक्सेलिक अम्ल की अभिक्रियाएँ
                सन्तुलित रासयनिक समीकरण
                ्य२ष्टह्म्२ह्र७+ स्नद्गस्ह्र४.(हृ॥४)२स्ह्र४.६॥२ह्र + ७॥२स्ह्र४
                 ्य२स्ह्र४ + ष्टह्म्२(स्ह्र४) +३स्नद्ग२(स्ह्र४) + (हृ॥४)२स्ह्र४  + ४३॥२ह्र
                आयनिक समीकरण
                ष्टह्म्२ह्र७२- + ६स्नद्ग२+ + १४॥+ २ष्टह्म्३+ +६स्नद्ग३++  ७॥२ह्र
                                अपचयन की अद्र्ध अभिक्रिया        ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                ऑक्सीकरण की अद्र्ध अभिक्रिया  ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                सम्पूण सन्तुलित अभिक्रिया
                ॥२ष्ट२ह्र४ + २हृड्डह्र॥ हृड्ड२ष्ट२ह्र४ + २॥२ह्र
                यह ऑक्सीकरण अपचयन अनुमपान है। ऑक्सेलिक अम्ल और पोटैशियम परमैंगनेट के अनुमापन में ऑक्सेलिक अम्ल में तनु सल्फ्यूरिक अम्ल मिलाकर ५००ब्  तक गर्म करना पड़ता है क्योंकि अभिक्रिया अधिक ताप पर होती है। प्रारम्भ में अभिक्रिया का वेग कम होता है जैसे-जैसे अभिक्रिया अग्रसरित होती है, अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है। इस अनुमापन मे पोटैशियम परमैंगनेट स्वयं सूचक का कार्य करता है। प्रारम्भ में ऑक्सेलिक अम्ल के द्वारा अपचयन होने के कारण पोटैशियम परमैंगनेट का रंग विलुप्त हो जाता है। अन्तिम बिन्दु पर ऑक्सेलेट आयन पूर्णत: समाप्त हो जाते हैंं तो पोटैशियम परमैंगनेट की एक बूँद भी डालने पर विलयन का रंग हल्का गुलाबी हो जाता है
                विधि : ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का माध्यमिक पोटैशिय परमैंगनेट विलयन के मध्य अनुमापन
                सर्व प्रथम अनुमापन में काम आने वाले ब्यूरेट , पीपेट, कॉनिकल फ्लास्क को पानी से धोकर ब्यूरेट को माध्यमिक विलयन से तथा पीपेट को ज्ञात विलयन से खंगाल लेते है। अब ब्यूरेट को ब्यूरेट स्टेण्ड पर लगाकर शून्य तक माध्यमिक विलयन भर लेते हैं। ब्यूरेट के नोजल में हवा का बुलबुला नहीं होना चाहिए। अब पीपेट की सहायता से ऑक्सेलिक अम्ल  विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं और इसमें लगभग आधी परखनली तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से भरकर मिला कर लगभग ५००ब् ताप तक गर्म करते हैं। अब ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। लगातार हिलाते रहते हैं अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं। दो समान आयतन प्राप्त होने तक प्रक्रिया को दोहराया जाता है।
                अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का माध्यमिक पोटैशिय परमैंगनेट विलयन के मध्य अनुमापन
                ब्यूरेट में माध्यमिक विलयन ही लिया गया है। इसे शून्य पाठ्यांक तक भर लेते हैं। अब पीपेट की सहायता से ऑक्सेलिक अम्ल  विलयन का २०द्वद्य कॉनिकल फ्लास्क में लेते हैं और इसमें लगभग आधी परखनली तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से भरकर मिला कर लगभग ५००ब् ताप तक गर्म करते हैं। अब ब्यूरेट की सहायता से माध्यमिक विलयन बूँद-बूँद कर मिलाते हैं। लगातार हिलाते रहते हैं अन्तिम बिन्दु पर गुलाबी रंग प्राप्त होता है। अन्तिम बिन्दु पर ब्यूरेट का पाठ्यांक नोट कर प्रयुक्त माध्यमिक विलयन का आयतन ज्ञात करते हैं। दो समान आयतन प्राप्त होने तक प्रक्रिया को दोहराया जाता है।
                प्रेक्षण सारणी
                () ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का माध्यमिक पोटेैशियम परमैंगनेट विलयन के मध्य अनुमापन 
() अज्ञात विलयन का माध्यमिक विलयन के मध्य अनुमापन 
                गणना:
                () मानक विलयन (ज्ञात विलयन) ऑक्सेलिक अम्ल की नार्मलता
                नार्मलता हृ१ ==हृ
               
                () माध्यमिक विलयन पोटैशियम परमैंगनेट की नार्मलता ज्ञात करना
                हृ१ ङ्क१ = हृ२ङ्क२
                हृ१  = ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन की नार्मलता =हृ
                ङ्क१  = ज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                हृ२  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन की नार्मलता = ?         
                ङ्क२  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन का आयतन =१९. द्वद्य
                हृ२  == हृ
                () अज्ञात विलयन पोटैशियम परमैंगनेट की नार्मलता ज्ञात करना
                हृ३ ङ्क३ = हृ४ङ्क४
                हृ३  = अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन की नार्मलता =?                        
                ङ्क३  = अज्ञात ऑक्सेलिक अम्ल विलयन का आयतन =२०द्वद्य
                हृ४  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन की नार्मलता = हृ२  = हृ
                ङ्क४  = माध्यमिक पोटैशियम परमैंगनेट विलयन का आयतन =१८. द्वद्य
                हृ३  ==हृ = = .०६४९हृ
                () अज्ञात विलयन ऑक्सेलिक अम्ल की सान्द्रता ग्राम प्रति लीटर में ज्ञात करना
                सान्द्रता = नार्मलता क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल का तुल्यांकी भार
                 सान्द्रता =म६३.०४ = .०९४४ ग्राम प्रति लीटर

                परिणाम : बोतल (क्च) में दिये गये अज्ञात विलयन क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल की सान्द्रता .०९४४ ग्राम प्रति लीटर प्राप्त हुई है।

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